International Journal of Innovative Research in Engineering & Multidisciplinary Physical Sciences
E-ISSN: 2349-7300Impact Factor - 9.907

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मुण्डा जनजाति का विवाह संस्कार : एक अध्ययन

Authors: Soma Mahto

DOI: https://doi.org/10.37082/IJIRMPS.v13.i3.232492

Short DOI: https://doi.org/g9p3ds

Country: India

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Abstract: मुण्डा जनजाति भारत के प्राचीन निवासी हैं, जो मुख्यतः झारखंड के छोटानागपुर क्षेत्र में बसे हैं। इनकी भाषा मुण्डारी है और यह प्रोटोऑस्ट्रोलायड प्रजाति से संबंधित हैं। मुण्डा समाज में विवाह एक महत्वपूर्ण सामाजिक व्यवस्था है, जिसे वयस्कता प्राप्ति के बाद सम्पन्न किया जाता है। विवाह प्रक्रिया तीन प्रमुख चरणों में विभाजित है - विवाह पूर्व संस्कार, विवाह संस्कार और विवाह उपरांत संस्कार। विवाह पूर्व में वर-वधू को देखना, वधूमूल्य निर्धारण और परिवारों की सहमति ली जाती है। विवाह संस्कार के दौरान मंडप निर्माण, हल्दी-तेल की रस्म और सिंदूरदान की परंपरा निभाई जाती है। विवाह उपरांत ‘बगाउती बोंगा’ अनुष्ठान द्वारा नवविवाहितों का गाँव के देवी-देवताओं से परिचय कराया जाता है। यदि विवाह विच्छेद (सकम चिरा) आवश्यक हो, तो विशेष परंपरा के तहत जोड़ी अलग होती है। मुण्डा समाज में विवाह न केवल सामाजिक संबंधों का निर्माण करता है, बल्कि प्राकृतिक शक्तियों और समुदाय के प्रति आस्था को भी अभिव्यक्त करता है। यह लेख मुण्डा जनजाति के विवाह संस्कारों की विशिष्ट परंपराओं और उनके सामाजिक-सांस्कृतिक महत्व को उजागर करता है।

Keywords: मुण्डा जनजाति, विवाह पद्धति, किली(गोत्र), मुण्डारी भाषा, सामाजिक संस्कार


Paper Id: 232492

Published On: 2025-06-12

Published In: Volume 13, Issue 3, May-June 2025

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